डीटीपी जॉबवर्क के लिये वैसे तो अनेकों सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं किन्तु इन सभी में एडोब पेजमेकर (Adobe Pagemaker) विशेष लोकप्रिय
है। पेजमेकर (Pagemaker) में काम करना
सीखना बहुत कठिन नहीं है, इसे आसानी के साथ सीखा जा सकता है। बस आप
हमारे इस आनलाइन हिंदी ट्यूटोरियल्स के पाठों को पढ़ते जाइये और उनके अनुसार अभ्यास करते जाइये, और कुछ ही दिनों में आपको महसूस होने लगेगा कि आप पेजमेकर (Pagemaker) में पारंगत हो गये
हैं।
पेजमेकर में नया डाकुमेंट बनाना
एडोब पेजमेकर में कोई भी डाकुमेंट अपने आप नहीं खुलता। नया डाकुमेंट बनाने के लिये
मेनूबार में फाइल|न्यू (File|new)
का चयन करें। इससे डाकुमेंट सेटअप डॉयलाग बॉक्स (document setup
dialogue box) खुल जायेगा।
यदि आप पेजमेकर के
डिफॉल्ट सेटिंग्स में काम करना चाहते हैं तो OK
बटन को क्लिक कर दीजिये अन्यथा सेटिंग्स में मनचाहा परिवर्तन कर लें।
सेटिंग्स |
प्रविष्टि विवरण |
पृष्ठ का आकार |
इसके द्वारा
पृष्ठ का आकार तय किया जाता है। पुल डाउन मेनू से अपनी पसंद के आकार का चुनाव करें। |
विस्तार |
इसके द्वारा
पृष्ठ की लंबाई-चौड़ाई तय की जाती है। पुल डाउन मेनू से पूर्व निश्चित आकार चुनने पर लंबाई चौड़ाई स्वतः ही प्रविष्ट हो जाता है, यदि अन्य लंबाई-चौड़ाई का डाकुमेंट बनाना चाहते हैं तो अपने हिसाब से प्रविष्टि करें। |
ओरिएन्टेशन |
इसका प्रयोग
पृष्ठ को सीधा रखना है या आड़ा तय करने के लिये किया जाता है। सीधा रखने के लिये Tall या आड़ा रखने के लिये Wide को चुनें। |
हाशिये |
इसका प्रयोग पृष्ठ
के दाअयें, बाँये, ऊपर तथा नीचे के हाशिये निर्धारित करने के लिये किया जाता है। |
विकल्प |
इसके द्वारा
डाकुमेंट का एकपृष्ठीय या द्विपृष्ठीय होना तय किया जाता है। |
पेजमेकर (Pagemaker)
में डिफॉल्ट माप
मीटरिक सिस्टम अर्थात् मि.मी. में रहता है। यदि आप
ब्रिटिश सिस्टम अर्थात् इंचों में माप चाहते हैं तो मेनूबार से फाइल|प्रीफरेंसेस|जनरल (File|Preferences|General)
का चयन करके
वांछित परिवर्तन कर लें।
पेजमेकर में पहले
से बने डाकुमेंट को खोलना
पेजमेकर में पहले
से बने डाकुमेंट को खोलने के लिये मेनूबार से फाइल|ओपन
(File|Open) का चयन करें और वांछित डाकुमेंट को खोल लें।
पेजमेकर में
डाकुमेंट को सुरक्षित करना
पेजमेकर में
डाकुमेंट को सुरक्षित करने के लिये मेनूबार से फाइल|सेव्ह या सेव्ह ऐज (File|Save or Save as) का चयन करें।
पेजमेकर (Pagemaker) में टूलबॉक्स के अलावा कलर, ग्राफिक्स,
पेज को संपादित करने के लिये और भी पैलेट्स होते हैं। इस पाठ में हम उन्हीं की चर्चा करेंगे। ये सारे पैलेट्स मेनूबार में विन्डोज मेनू के अन्तर्गत होते हैं।
कलर पैलेट (Color
Palette)
फांट, ग्राफिक्स आदि को अलग अलग रंग देने के लिये कलर पैलेट (Color Palette) का प्रयोग किया जाता है। कलर पैलेट में डिफॉल्ट के तौर पर रेड, ग्रीन, क्यान, येलो, ब्लैक, नन, रजिस्ट्रेशन और
पेपर कलर होते हैं। इन रंगों के अलावा और भी रंगों का प्रयोग भी किया जा
सकता है। कलर पैलेट को खोलने के लिये मेनूबार में विन्डोज|शो कलर्स (Windows|Show Colors) का चयन करें।
कंट्रोल पैलेट (Control
Palette)
फांट, ग्राफिक्स आदि में त्वरित गति से मनचाहा संपादन करने के लिये कंट्रोल पैलेट (Control Palette) का प्रयोग किया जाता है। किसी भी आब्जेक्ट को सेलेक्ट करने पर कल पैलेट में उस आब्जेक्ट के अनुसार स्वतः ही परिवर्तन हो जाता है। यदि हम टैक्स्ट को सेलेक्ट करते हैं तो कलर पैलेट में फांट, फांट साइज,
फांट स्टाइल,
लेंडिग आदि का
संपादन करने वाले खाने बन जाते हैं, और यदि हम किसी ग्राफिक्स को सेलेक्ट करते हैं तो वह ग्राफिक्स को हटाने, वृताकार में
घुमाने, उसका आकार बदलने आदि कार्य करने वाले यंत्र के रूप बदल
जाता है। हम इस विषय पर 'टैक्स्ट/ग्राफिक्स के साथ काम करना'
में और
विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। कलर पैलेट को खोलने के लिये मेनूबार में विन्डोज|शो कंट्रोल पैलेट (Windows|Show
Control Palette) का चयन करें।
मास्टर पेज पैलेट (Master
Page Palette)
पेजमेकर (Pagemaker) के प्रत्येक डाकुमेंट में मास्टर पेज होता है जिसके द्वारा हम एक बार में ही उस डाकुमेंट के सभी पृष्ठों में टैक्स्ट/ग्राफिक्स
आदि बना सकते हैं। यदि डाकुमेंट बहुत बड़ा है और वह अलग अलग विभाग (sections)
में बँटा हुआ है तो प्रत्येक विभाग के लिये भीमास्टर पेज पैलेट (Master
Page Palette) की सहायता से मास्टर पेज बनाये जा सकते हैं। कलर पैलेट को
खोलने के लिये मेनूबार में विन्डोज|शो मास्टर पेजेस (Windows|Show
Master Pages) का चयन करें।
पेजमेकर (Pagemaker)
में मेनूबार से फाइल|न्यू (File|new) का चयन करके जब नया प्रकाशन (publication) बनाया जाता है तो उसके पेस्टबोर्ड के
मध्य में खाली पृष्ठ खुलते हैं।
एडोब पेजमेकर के प्रकाशन (publication) विन्डो में पेज आइकान्स होते हैं जो L तथा R के रूप में मास्टर
पृष्ठों तथा 1,2,3..... के रूप में सामान्य पृष्ठों को दर्शाते हैं।
खुले हुये पृष्ठों की संख्याएँ हाइलाइटेड रहती हैं। किसी अन्य पृष्ठ को खोलने के लिये उसके पृष्ठ संख्या को क्लिक करना पड़ता है। प्रकाशन के नाप-जोख के लिये ऊपर तथा बाँयी ओर रूलर्स होते हैं तथा सही टूल का चयन करने के
लिये टूलबार भी रहता है।
मेनू |
विवरण |
महत्वपूर्ण निर्देश |
फाइल |
विन्डोज के अन्य सॉफ्टवेयर्स के जैसे पेजमेकर (Pagemaker)
के फाइल मेनू में भी नये डाकुमेंट बनाने, डाकुमेंट खोलने,
सुरक्षित करने,
पेज सेटअप,
छापना आदि
निर्देश (commands) होते हैं। |
New |
संपादन |
संपादन मेनू में
भी विन्डोज के अन्य सॉफ्टवेयर्स के जैसे पेजमेकर
(Pagemaker) के संपादन निर्देश (commands) होते हैं। |
Cut |
रूपरेखा |
इस मेनू में नये
पृष्ठ जोड़ने, अनचाही पृष्ठों को हटाने आदि के अलावा प्रकाशन की रूपरेखा को सुंदर बनाने के लिये कॉलम गाइड आदि निर्देश होते हैं।। |
Column guides |
टाइप |
टाइप मेनू में
टैक्स्ट फॉर्मेटिं के सारे निर्देश होते हैं। |
Font |
अवयव |
इसमें ग्राफिक्स
को फॉर्मेट करने के निर्देश होते हैं। |
Fill and troke... |
उपयोगिता |
इसमें पेजमेकर
के इंडेक्सिंग तथा टेबल निर्देश के अलावा प्लग इन्स के विषय में जानकारी होती है। |
Plug-ins>drop cap... |
अवलोकन |
इसमें पृष्ठ को
बड़े-छोटे आकार में देखने, छिपाने या दिखाने के निर्देश होते हैं। |
Zoom in |
विन्डो |
इसमें पेजमेकर
के पेलेट्स के विषय में जानकारी होती है जिस पर हम इस ट्यूटोरियल के एक अलग पाठ में विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे। |
Colours |
पेजमेकर – टूलबॉक्स
जब भी पेजमेकर में कोई नया
डाकुमेंट बनाया जाता है या पहले से ही से बने डाकुमेंट को खोला
जाता है तो स्क्रीन में टूलबॉक्स स्वतः ही दिखाई देने लगता है। यदि किसी कारण
से टूलबॉक्स स्क्रीन में दिखाई
न पड़े तो मेनूबार से विन्डोज|शो टूल्स (Windows|Show
Tools) को चयनित करके टूलबॉक्स को खोल लें। टूलबॉक्स के द्वारा पेजमेकर के डाकुमेंट्स के
टैक्स्ट तथा ग्राफिक्स का संपादन किया जाता है।
पाइंटर पाइंटर का
प्रयोग टैक्स्ट ब्लॉक तथा ग्राफिक्स को सेलेक्ट करके अपने स्थान से हटाने या/तथा उनके आकार में परिवर्तन करने के लिये किया जाता है। जब भी हम
पाइंटर को क्लिक करके किसी टैक्स्ट ब्लॉक या ग्राफिक्स को क्लिक
करते हैं तो उसके चारों ओर हैंडल्स बन जाते
हैं जिनकी सहायता से उसके आकार को बदला जा सकता है। चुने गये आब्जेक्ट को ड्रैग करके या एरो कुंजियों की सहायता से अपने स्थान से हटाया
जा सकता है। एक से अधिक आब्जेक्ट को एक साथ हटाने के लिये शिफ्ट
कुंजी को दबाये हुये आब्जेक्ट को
सेलेक्ट करें। |
|
टैक्स्ट टूल टैक्स्ट टूल का
प्रयोग टैक्स्ट को टाइप करने, सेलेक्ट करने तथा संपादन (edit) करने के लिये
किया जाता है। इस टूल के विषय में हम टैक्स्ट का काम करना ट्यूटोरियल में विस्तारपूर्वक चर्चा
करेंगे। |
|
इलिप्स टूल इलिप्स टूल का
प्रयोग वृत (circle) तथा अंडाकर या दीर्घवृत (ellipse) बनाने के लिये किया जाता है। |
|
रेक्टेंगल टूल रेक्टेंगल टूल
का प्रयोग वर्ग (squares) तथा आयत (rectangles) बनाने के लिये किया जाता है। |
लाइन टूल लाइन टूल का
प्रयोग आड़ी-तिरछी तथा घेरा बनाने वाली रेखाएँ खींचने के लिये किया जाता है। |
|
कॉन्सट्रेंड
लाइन टूल कॉन्सट्रेंड
लाइन टूल का प्रयोग सीधी रेखाएँ खींचने के लिये किया जाता है। |
|
पॉलीगान टूल पॉलीगान टूल का
प्रयोग बहुभुज आकृतियाँ बनाने के लिये किया जाता है। |
|
मैग्नीफॉइंग टूल मैग्नीफॉइंग टूल
का प्रयोग पृष्ठ को बड़े या छोटे आकार में देखने के लिये किया जाता है। |
|
रोटेट टूल रोटेट टूल का
प्रयोग आब्जेक्ट को वृताकार में घुमाने के लिये किया जाता है। किसी भी आब्जेक्ट को वृताकार में घुमाने के लिये पाइंटर के द्वारा उसे सेलेक्ट
करें और रोटेट टूल को क्लिक कर के मनचाहे रूप में घुमा दें। |
|
क्रॉपिंग टूल क्रॉपिंग टूल का
प्रयोग इम्पोर्ट करके लाई गई ग्राफिक्स के अनचाहे भाग को काटने के लिये किया जाता है। क्रॉपिंग टूल को क्लिक करके उस ग्राफिक्स को क्लिक
करें जिसके अनचाहे हिस्सों को हटाना है। इससे उस ग्राफिक्स में
हैंडल्स बन जायेंगे। हैंडल्स को
ग्राफिक्स के भीतर की ओर ड्रैग करने से अनचाहा हिस्सा हटते चला जायेगा। |
|
फ्रेम टूल फ्रेम टूल का
प्रयोग टैक्स्ट को होल्ड करने के लिये किया जाता है। इस टूल का प्रयोग बहुत कम होता है इसलिये हम इस ट्यूटोरियल में हम फ्रेम टूल की चर्चा
नहीं करेंगे बल्कि पारंपरिक फ्री-फ्लो विधि का ही प्रयोग करेंगे। |
पेजमेकर - टैक्स्ट का काम करना
(Layouts)
पेजमेकर में पूर्ण नियन्त्रण के साथ टैक्स्ट का काम किया जा सकता है। इसमें आप स्क्रीन पर टाइप भी कर सकते हैं तथा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड जैसे अन्य
वर्ड प्रोसेसरों की सामग्री को इम्पोर्ट भी कर सकते हैं।
स्क्रीन पर टाइप
करना: पेजमेकर स्क्रीन पर टाइप करने के लिये टैक्स्ट
टूल क्लिक कर के स्क्रीन पर क्लिक करें तथा कंट्रोल पैलेट में वांछित फॉन्ट का निर्धारण कर के
टाइप करना शुरू कर दें।
अन्य वर्ड
प्रोसेसर से सामग्री इम्पोर्ट करना:
- मेनूबार से फाइल|प्लेस (File|Place) का चयन करें।
- प्लेस डॉयलाग
बॉक्स में वांछित डाकुमेंट को क्लिक कर के Open बटन को क्लिक
कर दें और माउस एरो, जो कि आकार में बदल गया रहेगा, को स्क्रीन पर क्लिक कर दें।
स्टोरी (Story):
पेजमेकर के एक टैक्स्ट इकाई (unit) को स्टोरी कहा
जाता है। स्टोरी सिर्फ एक अक्षर का भी हो सकता है और कई
पैराग्राफ्स यहाँ तक कि कई पृष्ठों का भी हो
सकता है। स्टोरी के टैक्स्ट को टैक्स्टब्लॉक्स में विभाजित किया जाता है। स्टोरी केवल एक टैक्स्टब्लॉक का भी हो सकता है और अनेक
टैक्स्टब्लॉक्स का भी। जब कोई स्टोरी एक से अधिक पृष्ठों का
होता है तो उसे अलग अलग पृष्ठों में ले जाने के लिये
सुविधापूर्ण विधि है आटोफ्लो का प्रयोग करना। इसके लिये मेनूबार से लेआउट|आटोफ्लो (Layout|Autoflow) का चयन करें। इससे
एक पृष्ठ से दूसरे पृष्ठ में जाने पर माउस
एरो आकृति में परिणित हो जाता है और क्लिक करने पर पिछले पृष्ठ से बचा हुआ टैक्स्ट अगले
पृष्ठ में आ जाता है।
पेजमेकर - टैक्स्ट का काम करना
(Layouts)
पेजमेकर में पूर्ण नियन्त्रण के साथ टैक्स्ट का काम किया जा सकता है। इसमें आप स्क्रीन पर टाइप भी कर सकते हैं तथा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड जैसे अन्य
वर्ड प्रोसेसरों की सामग्री को इम्पोर्ट भी कर सकते हैं।
स्क्रीन पर टाइप करना: पेजमेकर स्क्रीन पर टाइप करने के लिये टैक्स्ट टूल क्लिक कर के स्क्रीन पर क्लिक करें तथा कंट्रोल पैलेट में वांछित फॉन्ट का निर्धारण कर के टाइप करना शुरू कर दें।
अन्य वर्ड
प्रोसेसर से सामग्री इम्पोर्ट करना:
- मेनूबार से फाइल|प्लेस (File|Place) का चयन करें।
- प्लेस डॉयलाग
बॉक्स में वांछित डाकुमेंट को क्लिक कर के Open बटन को क्लिक
कर दें और माउस एरो, जो कि आकार में बदल
गया रहेगा, को स्क्रीन पर क्लिक कर दें।
स्टोरी (Story):
पेजमेकर के एक टैक्स्ट इकाई (unit) को स्टोरी कहा
जाता है। स्टोरी सिर्फ एक अक्षर का भी हो सकता है और कई
पैराग्राफ्स यहाँ तक कि कई पृष्ठों का भी हो
सकता है। स्टोरी के टैक्स्ट को टैक्स्टब्लॉक्स में विभाजित किया जाता है। स्टोरी केवल एक टैक्स्टब्लॉक का भी हो सकता है और अनेक
टैक्स्टब्लॉक्स का भी। जब कोई स्टोरी एक से अधिक पृष्ठों का
होता है तो उसे अलग अलग पृष्ठों में ले जाने के लिये
सुविधापूर्ण विधि है आटोफ्लो का प्रयोग करना। इसके लिये मेनूबार से लेआउट|आटोफ्लो (Layout|Autoflow) का चयन करें। इससे
एक पृष्ठ से दूसरे पृष्ठ में जाने पर माउस
एरो आकृति में परिणित
हो जाता है और क्लिक करने पर पिछले पृष्ठ से बचा हुआ टैक्स्ट अगले पृष्ठ में आ जाता है।
पेजमेकर - लेआउट्स (Layouts)
मास्टर पेजेस (Master
pages)
बहु-पृष्ठीय प्रकाशन (multi-page publications) में यद्यपि
प्रत्येक पृष्ठ में पाठ्य सामग्री अलग अलग होती है किन्तु
सभी पृष्ठों में बहुत सारी समानताएँ भी होती हैं जैसे कि चारों
ओर के हाशिये, पृष्ठ क्रमांक का स्थान, अक्षरों के आकार,
हेडर्स, फूटर्स आदि। हर
बार नया पृष्ठ बनाते समय इन सभी को समान डिजाइन करने की जरूरत न हो इसलिये पेजमेकर में मास्टर पेज की
सुविधा प्रदान की गई है। एक बार मास्टर पेज में हम इन
समान चीजों को निश्चित कर देते हैं तो शेष सभी पृष्ठों में ये खाके अपने आप ही बन जाते हैं।
यदि प्रकाशन के एक से अधिक विभाग (sections) होते हैं और सभी
विभागों के लेआउट्स अलग अलग होती हैं तो इसके लिये पेजमेकर
में हम सभी विभाग के लिये मास्टर पैलेट की सहायता से अलग अलग
मास्टर पेज बना सकते हैं। मास्टर पेजेस और प्रकाशन के अन्य पेजेस के आइकॉन पेजमेकर स्क्रीन में सबसे
नीचे पट्टी में बने होते हैं। बाँयें तथा दायें (left
and right) मास्टर पेजेस के आइकॉन्स काले रंग में सबसे शुरू में होते हैं और उसके बाद अन्य पृष्ठों के सफेद रंग के आइकॉन रहते हैं। किसी भी पृष्ठ
को क्रियाशील बनाने के लिये उसके आइकॉन पर क्लिक करना पड़ता है।
रुलर्स और गाइड्स (Rulers
and guides)
पेजमेकर के प्रत्येक प्रकाशन (publication)
में क्षैतिज (आड़ी
- horizontal) और ऊर्ध्वाधर (खड़ी - vertical) रुलर्स जोड़ा जा
सकता है। रुलर्स के 0 को 'जीरो पाइंट विन्डो' को क्लिक करके तथा ड्रैग करके वांछित
स्थान पर लाया जा सकता है (नीचे चित्र देखें)। पेजमेकर में ये रुलर्स डिफॉल्ट रूप से अपने आप ही दिखाई देते हैं किन्तु
यदि इनके कारण काम करने में यदि असुविधा महसूस हो तो इन्हें मेनूबार से व्हियु|शो रुलर्स (view|show rulers)
).
पेजमेकर में रुलर्स के अलावा पेज के लेआउट बनाने
के लिये और अधिक सहायता प्रदान करने के
लिये गाइड्स भी होते हैं जिन्हें कि रुलर्स को क्लिक तथा ड्रैग करके स्क्रीन में किसी भी स्थान पर लाया जा सकता है। ये गाइड्स हरे रंग की लाइन्स
होती हैं जो कि स्क्रीन में दिखाई तो देता है किन्तु छपाई में
नहीं दिखाई देते। इन गाइड्स की मदद से किसी भी टैक्स्ट या
ग्राफिक्स आदि को बिल्कुल सही स्थान पर लाया जा सकता है। माउस
के एरो से क्लिक करके इन गाइड्स को इधर उधर खिसकाया जा सकता है और मेनूबार से व्हियु|लॉक गाइड्स (view|lock
guides) का चयन करके इन्हें लॉक भी किया जा सकता है।.
जैसे कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है, गाइड्स तीन प्रकार के होते हैं:
गाइड का प्रकार |
विवरण |
मारजिन गाइड्स |
मारजिन गाइड्स के द्वारा डाकुमेंट का आकार निश्चित किया जाता है। मेनूबार से फाइल|डाकुमेंट सेटअप (File|Document
Setup) का चयन करने पर ये गाइड्स स्वतः ही बन जाते हैं। |
कॉलम गाइड्स |
इनका प्रयोग डाकुमेंट में कॉलम्स बनाने के लिये किया जाता है। मेनूबार से लेआउट|कॉलम गाइड्स (Layout|Column
Guides) का चयन करके इन्हें स्क्रीन पर लाया जाता है। |
रुलर गाइड्स |
टैक्स्ट, ग्राफिक्स आदि को सही जगह में लाने के लिये रुलर गाइड्स का प्रयोग किया जाता है। स्क्रीन पर इन्हें लाने के लिये रुलर्स पर क्लिक
करके वांछित स्थान तक ड्रैग किया जाता है। |
किसी भी गाइड को मास्टर पेज पर लाने पर वह प्रकाशन के प्रत्येक पृष्ठ पर अपने
आप ही आ जाता है। यदि किसी पृष्ठ में मास्टर पेज वाले गाइड्स न
दिखाई पड़े तो मेनूबार से लेआउट|कॉपी मास्टर गाइड्स (layout|copy
master guides) का चयन करना चाहिये। इसी
प्रकार मेनूबार से व्हियु|हाइड गाइड्स (view|hide
guides) का चयन करने पर गाइड्स दिखाई देने बंद हो जाते हैं।
लेआउट मेनू
डाकुमेंट में नया पृष्ठ जोड़ने, किसी पृष्ठ को हटाने तथा पृष्ठों की छँटाई करने के लिये लेआउट मेनू से इनसर्ट पेज (nsert
page), रीमूव्ह पेज (remove page) तथा सॉर्ट पेजेस (sort
pages) निर्देशों (commands) का प्रयोग किया जाता है। ये निर्देश बहुत
सरल है और इन्हें आप स्वयं ही आसानी से समझ सकते हैं इसलिये इन पर और अधिक चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है।
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